ध्यान दीजिए नुक्ता लगाने से शब्द के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है। पाठ में ‘दफा’ शब्द का प्रयोग हुआ है जिसका अर्थ होता है-बार (गणना संबंधी), कानून संबंधी। यदि इस शब्द में नुक्ता लगा दिया जाए तो शब्द बनेगा ‘दफ़ा’ जिसका अर्थ होता है-दूर करना, हटाना । यहाँ नीचे कुछ नुक्तारहित शब्द दिए जा रहे हैं उन्हें ध्यान से देखिए और अर्थगत अंतर को समझिए।
सजा - सज़ा
नजा - नाज़
जरा - ज़रा
तेज - तेज़।
निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरे कीजिए-
(क) आजकल ......... बहुत खराब है। (जमाना/ज़माना)
(ख) पूरे कमरे को ........ दो। (सजा/सज़ा)
(ग) .............. चीनी को देना। (जरा/ज़रा)
(घ) माँ दही ............ भूल गई। (जमाना/ज़माना)
(ड) दोषी को ............... दी गई । (सजा/सज़ा)
(च) महात्मा के चेहरे पर ................ था (तेज/तेज़)
सजा
अर्थ- सजाना
वाक्य- लड़कियों को सजना पसंद है।
सज़ा
अर्थ- दंड
वाक्य- हर गलत काम की सज़ा अवश्य मिलती है।
जरा
अर्थ- बुढ़ापा
वाक्य - जरा में स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखना चाहिए।
ज़रा
अर्थ- थोड़ा कम
वाक्य - ज़रा से चाने में मजदूर भूखा रह जाएगा ।
नाज
अर्थ- अनाज
वाक्य- नाज किसानो की मेहनत का परिणाम होता है उसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।
नाज़
अर्थ- नखरा, गर्व
वाक्य- रूपवती होने पर भी सुमन में नाज़ नहीं है।
तेज
अर्थ- कीर्ति
वाक्य- सम्राट अशोक का तेज़ देशभर में फैला था ।
तेज़
अर्थ- तीव्रगति
वाक्य- गाडी तेज़ गति से नहीं चलानी चाहिए ।
(क) आजकल ज़माना बहुत खराब है
(ख) पूरे कमरे को सजा दो|
(ग) ज़रा चीनी को देना|
(घ) माँ दही जमाना भूल गयी|
(ड) दोषी को सज़ा दी गयी|
(च) महात्मा के चेहरे पर तेज था|